Thursday, 4 August 2005

एक हवेली सूनी-सूनी सी...

जी, यह है मार्टिन बर्न के जमाने की ऐतिहासिक इमारत। है तो बहुत पुरानी मगर उसकी खीसें काढ़ती एक-एक ईंट शहर को जगमगाने का दावा कर रही हैं। मार्टिन बर्न तो शायद अल्लाह को प्यारे हो चुके हैं। उनके जमाने को मधुर स्मृति भी खो चुकी है पर उनके वक्त की यह बे पेवन्द बिल्डिंग शहरवालों की जान ले रही है। सुना है आजकल यह ‘पाकीज़ा’ किसी बिगड़ैल ठाकुर साहब की रखैल बनी हुयी है। इसलिए इन दिनों शहर वाले इसे ठाकुर की

No comments:

Post a Comment