Monday 8 August 2005

राजा की आयेगी बारात

भई जिस हसीना बिजलीबाई का दीदार पाने को अपने शहर वाले तरसते रहें। आज वह जब महफिल में रूबरू होकर ‘इन्हीं लोगों ने ले लीन्हा दुपट्टा मेरा’ पर जी खोलकर थिरक उठी तो लोगों की बाछें खिल गई। बहुत से लोग तो मुंह बाये हुए बिजलीबाई की बांकी अदा पर जान छिड़क उठे। अपनी हैरत भरी निगाहों को देखकर गली के नुक्कड़ से आते हुए ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ बने मीर साहब ने कहा, ‘अमां क्या चुचके हुए आम की तरह

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